फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश का एक शहर है, जिसे इसके व्यापक कांच उद्योग के कारण "कांच के शहर" के रूप में जाना जाता है। इसका इतिहास मुगल काल से जुड़ा हुआ है और इसका नाम ऐतिहासिक व्यक्ति फिरोज शाह के नाम पर रखा गया था। यह शहर कांच की चूड़ियों और अन्य उत्पादों के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में भगवान बाहुबली जैन मंदिर, फिरोज शाह मकबरा और ग्लास संग्रहालय शामिल हैं। फिरोजाबाद आगरा के पास स्थित है, जिसकी दक्षिणी सीमा यमुना नदी बनाती है, और यह सड़क और रेल द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
सेठ छम्मी दामी लाल जैन द्वारा स्थापित जैन मंदिर में भगवान बाहुबली की 45 फुट ऊंची, 130 टन वजनी प्रतिमा है, जो भारत में पांचवीं सबसे बड़ी प्रतिमा है। इसमें भगवान महावीर और चंद्रप्रभा की प्रतिमाएं भी हैं। हर महीने हजारों भक्त पूजा के लिए आते हैं।
फिरोजाबाद से 21 किलोमीटर दूर फरिहा में जैन मंदिर भगवान आदिनाथ को समर्पित है। यह एक साफ-सुथरा, सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण स्थान है, हालांकि कुछ समीक्षाएँ फिरोजाबाद में किसी दूसरे मंदिर का उल्लेख कर सकती हैं।
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बाबा नीम करोरी का जन्मस्थान फिरोजाबाद से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। उनके मंदिर भारत और विदेशों में भी हैं। हर साल होने वाले भंडारे में हज़ारों लोग उनका आशीर्वाद लेने आते हैं।
फिरोजाबाद-टूंडला मार्ग से करीब 4 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। हर साल नवदुर्गा के दौरान यहां मेला लगता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। लोग मन्नतें पूरी करने और पूजा-अर्चना करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं।
राजा का ताल हिरनगाँव - फिरोजाबाद से 2 किमी की दूरी पर स्थित है, इसका निर्माण सम्राट अकबर के नवरत्नों में से एक राजा टोडरामल (राजस्व मंत्री) द्वारा फिरोजाबाद गजेटियर द्वारा कराया गया था।
फिरोजाबाद मुख्य शहर से लगभग 0.5 किलोमीटर दूर बाई पास रोड पर सेठ रामगोपाल मित्तल ने 1953 में आश्रम बनवाया था, जिसमें भगवान हनुमान की 57 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। इस आश्रम में एक विशाल सत्संग भवन है, यहां प्रतिदिन सत्संग कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
यह मंदिर मराठा शासन के दौरान श्री बाजीराव पेशवा द्वितीय द्वारा मठ के रूप में स्थापित किया गया था, जो फिरोजाबाद से लगभग 0.5 किमी दूर है। यहाँ 19वीं शताब्दी के गौरवशाली महात्मा वाव प्रयागदास के पदचिह्न हैं।
फ़िरोज़ाबाद भारत के सबसे बड़े कांच उद्योग का घर है, जो अपने कांच के बर्तनों और चूड़ियों के लिए प्रसिद्ध है। यह संपन्न क्षेत्र देश भर से कई उद्यमियों को आकर्षित करता है।